*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।
जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक बढ़ा है। तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते रहे हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं।
श्रीकृष्ण को कौन नहीं जानता है। उनकी हर एक लीला अपने आप में अनोखी और खास थी। श्रीकृष्ण के बारे में हम कई तरह की बातें अक्सर किताबों में पढ़ते आये हैं, लेकिन कुछ बातें ऐसी भी है, जिनके बारे में हम में से बहुत से कम लोग जानते होंगे। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे श्रीकृष्ण की कुछ अनसुनी बातें।
हर कोई खींचा चला आता था :
श्रीकृष्ण के मोह के छाल में हर कोई फंस जाता था। जब श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते थे तो गोपियां नाच उठती थी। ऐसा क्या था श्रीकृष्ण में हर कोई उनकी ओर खींचा चला आता था। दरअसल उनके शरीर से सुंगधित गंध निकलती रहती थी। माना जाता है कि श्रीकृष्ण के शरीर से निकलने वाली गंध गोपिकाचंदन और रातरानी की सुगंध से मिलती जुलती थी। इस गंध के प्रभाव से हर कोई उनकी ओर खींचा चला जाता था।
आठ नंबर है खास :
पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण विष्णु के आठवें अवतार थे। उनका जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के सात मुहूर्त के बाद आठवें मुहूर्त में हुआ। कृष्ण जन्म के दौरान आठ का जो संयोग बना, वो बड़ा ही शुभ है। कृष्ण की आठ ही पत्नियां थी। आठ अंक का उनके जीवन में बहुत महत्व रहा है।
कई कलाओं में दक्ष :
श्रीकृष्ण को भगवान परशुराम ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। पाशुपतास्त्र शिव के बाद श्रीकृष्ण और अर्जुन के पास ही था। इसके अलावा उनके पास प्रस्वपास्त्र भी था, जो शिव, वसुगण, भीष्म के पास ही था। भगवान श्रीकृष्ण 64 कलाओं में दक्ष थे। वे एक सर्वेश्रेष्ठ धनुर्धर थे। उनके पास कई अस्त्र और शस्त्र थे।
कुछ अन्य बातें :
- आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ई.पू. में हुआ। जबकि कुछ रिसर्च में बताया गया है कि ये युद्ध 3067 ई. पूर्व हुआ था। इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात भगवान कृण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है।
- कृष्ण जन्म और मृत्यु के समय ग्रह-नक्षत्रों की जो स्थिति थी उस आधार पर ज्योतिषियों अनुसार कृष्ण की आयु 33 वर्ष आंकी गई है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए के तीर के लगने से हुई थी। ग्रंथो के अनुसार युद्ध के बाद जब यदुवंशियों के कुल का नाश हो गया था, तब कृष्ण जंगल में चले गए थे, जहां वे विश्राम कर रहे थे तभी बहेलिए ने उनके पैर को देखकर हिरण समझा और तीर मार दिया।
- कृष्ण के जीवन में बहुत रोचकता और उथल-पुथल रही है। कंस ने बालक कृष्ण की हत्या करने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा था। कृष्ण की माया के आगे पूतना बेबस रही।
- कौरवों और पांडवों के बीच हस्तिनापुर की गद्दी के लिए कुरुक्षेत्र में विश्व का प्रथम विश्वयुद्ध हुआ था। मान्यता है कि यहीं भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था।