कहा जाता है कि इस सावन के महीने में जो भी भक्त शिवजी को प्रतिदिन बेलपत्र अर्पण करता है, उसकी समस्त मनोकामना जरूर पूरी होती है। बेलपत्र शिवजी को अतिप्रिय है। शिवजी को बेलपत्र क्यों चढ़ाए जाते है, इसके पीछे भी एक कहानी है, जिसका वर्णन हमारे शास्त्रों में किया गया है।
ये है कथा
जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ तो विष का प्याला निकला। कोई भी देवता और असुर इस विष को पीने को राजी नहीं था। तब भोलेनाथ ने इस विष के प्याले को पूरा पी लिया। जब उन्होंने विष को पी लिया तो विष के प्रभाव से उनका मस्तिष्क गर्म हो गया, तब सभी देवताओं ने उनके सिर पर पानी डालना शुरू कर दिया। इससे उन्हें ठंडक मिली, लेकिन उनके कंठ में तेज जलन होने लगी। तब सभी देवताओं ने उन्हें बेलपत्र खिलाने शुरू किए। बेलपत्र विष के प्रभाव को खत्म कर देता है।
होती है हर मनोकामना पूर्ण
वैसे तो सालभर ही शिवजी को बेलपत्र अर्पण करने चाहिए, लेकिन सावन के महीने में तो जरूर शिवजी पर बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होती है। शिवजी को बेलपत्र अर्पण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। जैसे बेलपत्र की पत्तियां पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से ही अर्पित करें। जब भी शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें, तब जल की धारा जरूर होनी चाहिए।
जल्द होगी शादी- सावन के महीने में शिवजी को बेल पत्र अर्पण करके शीघ्र विवाह बंधन में भी बंध सकते है। इसके लिए १०8 बेलपत्र पर ओम नम: शिवाय लिखकर शिवजी पर अर्पण करें। इसके बाद प्रार्थन करें। जल्द ही वे युवक-युवती विवाह बंधन में बंध जाएंगे, जिनकी शादी में काफी परेशानी आ रही है।
होगी मनचाही संतान : बेलपत्र को शिवलिंग पर अर्पण करके मनचाही संतान का वरदान भी मांगा जा सकता है। इसके लिए जितनी उम्र है, उतने बेलपत्र लें, इसके बाद उन्हें कच्चे दूध में डूबकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके साथ ही ओम नमो भगवते महादेवाय: का जप करें। इसके बाद संतान प्राप्ति का वरदान मांगे। जल्द ही मनोकामना पूर्ण होगी।