हिन्दूओ का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली को माना जाता है । दिवाली का यह ५ दिन का त्यौहार भाई दूज तक ही खत्म नहीं होता है, इसके बाद छठ पूजा का पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है । बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग अलग जगह पर छठ का पर्व मनाया जाता है । यह पर्व पुरे ४ दिन तक चलता है । यह छठ पूजा का पर्व नहाय खास से लेकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने तक चलता है इसलिए छठ पूजा का पर्व सूर्य की आराधना का पर्व है ।
छठ देवी सूर्य देव की बहन है और उन्ही को खुश करने के लिए सूर्य देव की आराधना की जाती है और गंगा या किसी पवित्र नदी के किनारे खड़े होकर छठ पूजा की जाती है ।
छठ पूजन । Chhath Poojan
छठ पूजा का पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है । यह पर्व पुरे ४ दिन तक चलता है । छठ पूजा का आरम्भ कार्तिक मास के शुक्ल पछ की चतुर्थी से शुरू होता है और सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है । इस पर्व का पहला दिन नहाय -खाय के रूप में मनाया जाता है, इसके बाद पंचमी को खरना किया जाता है । इस दिन पुरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल खाते है । यह व्रत ३६ घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है । बताया जाता है कि खरना पूजन से ही देवी षष्ठी का घर में आगमन होता है । षष्ठी को घर के पास किसी भी नदी के किनारे सब लोग एकत्र होते है और उसके अगले दिन उगते हुए सूर्य को जल देकर इस पर्व की समाप्ति करते है ।
छठ पूजा महत्व । Significance of Chhath Pooja
छठ पूजा पर्व का आयोजन बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग अलग राज्य में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है । भगवान सूर्यदेव और छठी देवी दोनों भाई बहन है । छठ पूजा का पर्व बहुत ही भक्ति भाव से रखा जाता है । मान्यता है कि जो इस व्रत को भक्ति-भाव से रखे उसको संतान का सुख प्राप्त होता है । इस व्रत से धन -धान्य की भी प्राप्ति होती है । छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्यदेव की पूजा करते है और जल में खड़े होकर दीप जलाकर उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते है और देवी छठी के गीत गाते है ।
छठ पूजा तिथि । Chhath Pooja Dates 2016
छठ पूजा पर्व पुरे ४ दिन तक चलने वाला एक महापर्व है । इसका आरम्भ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को होता है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को समापन होता है ।
नहाय -खाय : ३ नवम्बर २०१६
खरना : ४ नवम्बर २०१६
साँझा अर्घ्य : ५ नवम्बर २०१६
सूर्यादय अर्घ्य : ६ नवम्बर २०१६
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